भैषज्यगुरु: औषधि के बुद्ध
पूर्वी शुद्ध भूमि के उपचारक। शरीर, वाणी और मन की बीमारियों के चिकित्सक। सभी प्राणियों के कल्याण के लिए प्रकट हुए।
नाम और रूप
संस्कृत नाम
भैषज्यगुरु-वैडूर्य-प्रभा-राज। अर्थ: "औषधि के स्वामी, लाजवर्द प्रकाश के राजा।"
तिब्बती नाम
संग्ये मेनला। उपचार और करुणा का प्रतीक।
शुद्ध भूमि
वैडूर्यनिर्भास की पूर्वी शुद्ध भूमि। लाजवर्द चमक से भरी।
दिव्य स्वरूप
नीला शरीर
गहरा लाजवर्द रंग। शुद्धता और उपचार ऊर्जा का प्रतीक।
बायां हाथ
ध्यान मुद्रा में। अमृत और औषधि से भरा पात्र धारण करते हैं।
दायां हाथ
देने की मुद्रा में। आरुरा औषधीय पौधा हाथ में।
बारह महान प्रतिज्ञाएं
बोधिसत्व काल में, भैषज्यगुरु ने बारह विशाल संकल्प लिए। बुद्धत्व प्राप्त करने से पूर्व सभी प्राणियों की सेवा का वचन दिया।
दिव्य प्रकाश
अज्ञान को दूर करना। ज्ञान की ओर मार्गदर्शन।
शुद्ध शरीर
स्फटिक जैसा स्पष्ट रूप। शक्ति और जीवन शक्ति प्रदान करना।
भौतिक आवश्यकताएं
भोजन, वस्त्र, आश्रय। साधना के लिए सहायता।
नैतिक मार्गदर्शन
भटके हुओं को सही मार्ग पर लाना। शुद्ध आचरण की रक्षा।
उपचार के तीन स्तर
बाहरी स्तर
शारीरिक रोग। दुर्घटनाओं से सुरक्षा। दीर्घायु और स्वास्थ्य लाभ।
आंतरिक स्तर
भय और चिंता का उपचार। निराशा से मुक्ति। भावनात्मक शांति।
गुह्य स्तर
कर्म शुद्धि। अज्ञान की जड़ का उपचार। परम ज्ञान की प्राप्ति।
महायान परंपरा में औषधि बुद्ध
मुख्य ग्रंथ
भैषज्यगुरु-वैडूर्य-प्रभा-राज सूत्र। शाक्यमुनि बुद्ध द्वारा उपदेशित।
साधना विधियां
  • सूत्र का पाठ करना
  • नाम और धारणी का जाप
  • बारह स्वर्गीय सेनापतियों से सुरक्षा

चीन, जापान, कोरिया और वियतनाम में यक्षी फो / याकुशी न्योराई के नाम से पूजित। मंदिरों में शाक्यमुनि और अमिताभ के साथ प्रमुख स्थान।
वज्रयान परंपरा में उपचार साधना
01
अभिषेक प्राप्त करना
दीक्षा (वांग), पाठ संचरण (लुंग), और निर्देश (त्री)।
02
स्वयं को दृश्यमान करना
स्वयं को औषधि बुद्ध के रूप में कल्पना। नीला प्रकाश उत्सर्जित करना।
03
मंत्र जाप
उपचार प्रकाश भेजना। स्वयं और सभी प्राणियों की सेवा।
04
सूक्ष्म शरीर साधना
मनोधारा को औषधि बुद्ध के रूप में परिवर्तित करना। उनके संकल्पों का अनुभव।
उपचार मंत्र
तद्यथा ओं बेकंदज़े बेकंदज़े महा बेकंदज़े राद्ज़ा समुद्गते स्वाहा
बेकंदज़े
उपचार, दुःख को दूर करना। पहला स्तर।
महा बेकंदज़े
महान उपचार। गहरे कर्म और अज्ञान का शोधन।
राद्ज़ा समुद्गते
पार गए हुए राजा। दुःख से परे।
स्वाहा
ऐसा हो। स्थापित हो।
नीले प्रकाश और अमृत की कल्पना करते हुए जाप करें। सभी प्राणियों में प्रवेश करने दें।
सरल संकर साधना
शरण और बोधिचित्त
बुद्ध, धर्म, संघ की शरण। सभी प्राणियों के लिए करुणा उत्पन्न करें।
दृश्यावलोकन
औषधि बुद्ध को अपने सामने या मस्तक के ऊपर देखें। कमल और चंद्र आसन पर विराजमान।
मंत्र जाप
नीला प्रकाश और अमृत हृदय से बहता है। रोग और नकारात्मकता बाहर निकलती है।
विसर्जन और विश्राम
औषधि बुद्ध प्रकाश में विलीन। आपके हृदय में विलय। स्पष्ट जागरूकता में विश्राम।
समर्पण
उपचार, दीर्घायु और सभी प्राणियों के लिए ज्ञानोदय हेतु समर्पित करें।
उपचार जागरूकता स्वयं है
"औषधि बुद्ध का अंतिम उपचार यह पहचान है: जागरूकता स्वयं शुद्ध है। रोग और स्वास्थ्य दोनों खाली स्वभाव से उत्पन्न होते हैं।"
विश्वास और अभ्यास
महायान परंपरा उनके संकल्पों में विश्वास पर बल देती है। वज्रयान देवता योग जोड़ता है।
अंतिम उपचार
अज्ञान की जड़ का शोधन। अपने सच्चे स्वभाव की पहचान। सभी प्राणियों की सेवा।

ओं बेकंदज़े बेकंदज़े महा बेकंदज़े राद्ज़ा समुद्गते स्वाहा