बौद्ध दृष्टिकोण में सङ्खार (Mental Formations) को समझना
बौद्ध धर्म हमें सिखाता है कि हमारे अनुभव और क्रियाएँ कैसे बनती हैं, उसका आधार है हमारे सङ्खार—जिन्हें पाली में सङ्खार (Saṅkhāra) और संस्कृत में संस्कार (Saṃskāra) कहा गया है। ये हमारे सोचने, महसूस करने, और व्यवहार करने की शैली तय करते हैं—और अंततः यह भी तय करते हैं कि हम सुखी होंगे या दुखी।
सङ्खार का उदाहरण
साँप का उदाहरण
कल्पना कीजिए कि रास्ते में आपको एक साँप जैसा कुछ दिखाई देता है— आपकी perception कहती है "साँप!", फिर डर आता है, और फिर आपके भीतर से एक तेज़ प्रतिक्रिया आती है—भागने या पीछे हटने की इच्छा। यह सङ्खार की प्रतिक्रिया है।
आदत की ऊर्जा
थिक न्यात हन्ह इसे कहते हैं: "Habit Energy"—वो आदत की ऊर्जा जो हमारे पुराने कर्मों और अनुभवों से बनती है और भविष्य की प्रतिक्रियाओं को आकार देती है।
सकारात्मक और नकारात्मक सङ्खार
अगर हमारे सङ्खार नकारात्मक हों—जैसे ग़ुस्सा, डर या चिंता की आदत—तो वे हमें कष्ट देते हैं। और अगर हम करुणा, धैर्य या मैत्री जैसे सकारात्मक सङ्खारों को विकसित करें, तो वे हमें और दूसरों को सुख देते हैं।
बौद्ध मनोविज्ञान और आधुनिक मनोविज्ञान का मेल
1
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
आधुनिक मनोवैज्ञानिकों ने स्वीकार किया है कि बौद्ध शिक्षाएँ अत्यधिक वैज्ञानिक हैं। जैसे विज्ञान पदार्थ को तत्वों में बाँटकर समझता है, वैसे ही बुद्ध ने मन को विचारों, भावनाओं और क्रियाओं के घटकों में बाँटकर समझाया।
2
थेरवाद बौद्ध धर्म
अभिधम्म के अनुसार 52 मानसिक कारक
3
महायान परंपरा
51 Mental Formations (सङ्खार), जिनमें संपर्क, ध्यान, आनंद, ईर्ष्या, संतोष जैसे भाव शामिल हैं।
सङ्खार के प्रकार – कुशल, अकुशल और तटस्थ
कुशल सङ्खार
मन के स्वस्थ और लाभदायक गुण, जो कल्याण लाते हैं।
  • करुणा और मैत्री
  • उदारता और धैर्य
  • विवेक और शांति
ये शांति और सकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं।
अकुशल सङ्खार
मन के अस्वस्थ और हानिकारक गुण, जो दुख लाते हैं।
  • लोभ और द्वेष
  • मोह और क्रोध
  • ईर्ष्या और भय
ये हमारे और दूसरों के जीवन में अशांति उत्पन्न करते हैं।
तटस्थ सङ्खार
न अच्छे न बुरे, परिस्थिति पर निर्भर करते हैं।
  • जिज्ञासा
  • थकान
  • सामान्य एकाग्रता
परिस्थिति के अनुसार इनका प्रभाव बदल सकता है।
Mindfulness में सङ्खार के साथ कैसे काम करें
पहचानें (Identifying Mental Formations)
Mindfulness अभ्यास में, हम जैसे-जैसे जागरूक होते हैं, हम अपने भीतर उठने वाले विचारों और भावनाओं को पहचानना सीखते हैं। जैसे—ध्यान के दौरान "चिंता" या "क्रोध" आए, तो बस मन में कहें: "चिंता है", "क्रोध है।"
दूरी बनाएँ
यह कहना "मैं चिंतित हूँ" की बजाय "चिंता उत्पन्न हुई है"—हमें अपने अनुभव से थोड़ी दूरी देता है।
अभ्यास करें
नियमित रूप से इस पहचान का अभ्यास करने से हम अपने सङ्खारों के प्रति अधिक जागरूक होते जाते हैं।
इनके साथ बैठना (Meditating on Them)
पहचानें
जब कोई सङ्खार उत्पन्न हो, उसे पहचानें
रोकें नहीं
उसे रोकने या दबाने का प्रयास न करें
देखते रहें
उसे Mindfulness से देखते रहें, जैसे एक बादल को आकाश में बहते हुए देखते हैं
छोड़ दें
इससे वो सङ्खार धीरे-धीरे अपनी पकड़ छोड़ने लगता है
R.A.I.N. अभ्यास से काम करना

Non-identify (अपने से अलग समझें)
अपने को भावना से अलग देखें
Investigate (जाँच करें)
भावना के प्रभाव को देखें
Allow (स्वीकार करें)
जो है उसे होने दें
Recognize (पहचानें)
भावना को नाम दें
यह एक सरल और प्रभावी Mindfulness मॉडल है जो हमें सिखाता है कि हम किसी भी भावना या विचार से खुद को जोड़ें नहीं, बल्कि उसे देख कर धीरे-धीरे मुक्त हो जाएँ।
अलग परंपराओं में सङ्खार के साथ काम
ज़ेन परंपरा
भावनाओं को बच्चे की तरह गोद में लेकर देखें।
  • कोमलता और करुणा से व्यवहार करें
  • न दबाएँ, न बहाएँ
  • थिच न्हात हान्ह की शिक्षाओं पर आधारित
थेरवाद परंपरा
सङ्खार को तीन लक्षणों से देखें।
  • अनित्य (अस्थायी)
  • दुःख (असंतोष)
  • अनात्म (स्वरहित)
वज्रयान परंपरा
सङ्खारों का रूपांतरण करें।
  • क्रोध को स्पष्टता में बदलें
  • इच्छा को करुणा में परिवर्तित करें
  • तिब्बती बौद्ध पद्धति पर आधारित
Mindfulness और आधुनिक मनोचिकित्सा के समानताएँ
1000+
वर्षों का ज्ञान
बौद्ध दर्शन में सङ्खार का अध्ययन
100+
अध्ययन
आधुनिक मनोविज्ञान में माइंडफुलनेस पर शोध
52
मानसिक कारक
थेरवाद बौद्ध धर्म में पहचाने गए
आधुनिक मनोविज्ञान कहता है कि— हमारे विचार और आदतें, बार-बार दोहराए जाने के कारण conditioning बन जाती हैं। बौद्ध दर्शन में यही बात सङ्खार के रूप में आती है। जैसे अकेलेपन में बार-बार मोबाइल देखना या आलोचना पर झुंझलाहट आना - ये conditioned patterns हैं—जिन्हें हम अभ्यास के ज़रिए धीरे-धीरे retrain कर सकते हैं।
निष्कर्ष
मौलिक तत्व
सङ्खार (Mental Formations) बौद्ध मनोविज्ञान का एक मौलिक तत्व हैं—जो आज के विज्ञान और मनोचिकित्सा से भी मेल खाते हैं।
आंतरिक पैटर्न
ये हमारे आंतरिक स्वचालित पैटर्न हैं—जो बदले जा सकते हैं।
माइंडफुलनेस का सार
उन्हें पहचानना, समझना और रूपांतरित करना—यही है Mindfulness का सार।
लाभ
यह अभ्यास हमें ग़ुस्से को प्रतिक्रिया बनने से पहले पकड़ने में मदद करता है, करुणा और संतुलन को पोषित करता है, और एक अधिक शांतिपूर्ण और सचेत जीवन की ओर ले जाता है।
© 2024 । सर्वाधिकार सुरक्षित
कॉपीराइट
© 2024 । सर्वाधिकार सुरक्षित। बिना अनुमति के सामग्री का कोई भी हिस्सा पुनरुत्पादित नहीं किया जा सकता।
संपर्क
हमसे संपर्क करें: support@sampajanna.com
अस्वीकरण
यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। कृपया चिकित्सकीय सलाह के लिए योग्य पेशेवर से परामर्श करें।
आपके समय के लिए धन्यवाद। आशा है कि यह प्रस्तुति आपके माइंडफुलनेस अभ्यास में मददगार साबित होगी।